हमारा लोगो अपनी वेबसाइट या वेबलॉग में रखने के लिए निम्न लिखित कोड कापी करें और अपनी वेबसाइट या वेबलॉग में रखें
न्याय का प्रचलन, और पशुओं में परिवर्तन

न्याय का प्रचलन, और पशुओं में परिवर्तन

यहाँ यह प्रश्न पैदा होता है कि उस दिन पशुओं की क्या हालत होगी ?

क्या दरिन्दे उस समय के पीड़ित इंसानों के जीवन का अंत कर देंगें ?

अगर ऐसा हुआ तो फिर यह कैसे कह सकते हैं कि उस ज़माने में इंसानी समाज से उत्पीड़न का नाम व निशान बाक़ी नहीं रहेगा और दहशतगर्दी का अंत हो जाएगा ?

इस सत्य पर ध्यान दें कि ज़हूर का दिन ईश्वर का दिन है। उस दिन धरती पर ईश्वर का राज्य होगा तो फिर यह कैसे संभव है कि पशुओं में किसी तरह का परिवर्तन ना हो और वह वैसे ही रह जाएं जैसे कि पहले थे ?

जी हाँ ! इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के सांसारिक और न्यायिक राज्य का आशय यह है कि सारे संसार में शांति होगी और लोग उत्पीड़न से सुरक्षित रहेंगें।

और इस संसार में शांति इसी रूप में संभव है कि जब दरिन्दों का अंत हो जाए, विषक्त पशु और दरिन्दों के जीवन में परिवर्तन हो जाए।

 

 

    यात्रा : 1533
    आज के साइट प्रयोगकर्ता : 0
    कल के साइट प्रयोगकर्ता : 53060
    कुल ख़ोज : 129111262
    कुल ख़ोज : 89645639