حضرت امام صادق علیہ السلام نے فرمایا : اگر میں ان(امام زمانہ علیہ السلام) کے زمانے کو درک کر لیتا تو اپنی حیات کے تمام ایّام ان کی خدمت میں بسر کرتا۔
अरस्तू, किपर नेक, और बतलमीयूस की ग़लत फ़हमी

अरस्तू, किपर नेक, और बतलमीयूस की ग़लत फ़हमी

अब हम इल्म के बारे में होने वाली ग़लत फ़हमी को बयान करते हैं।

अरस्तू का कहना यह था कि सूरज ज़मीन का चक्कर लगाता है। और कीपर नेक का कहना था कि ज़मीन का चक्कर सूरज लगाता है। यह दोनो बातें अपोज़िट हैं अतः यह नहीं हो सकता कि दोनो की बातें ठीक हों और बाद में मालूम हुआ कि दोनों की बातें ग़लत थीं। क्योंकि ज़मीन का आकार गोल नहीं बलकि अंडे के आकार की तरह है।(26)

अब इस बात को बयान करना ज़रूरी है कि अरस्तू ने इंसानियत को अट्ठारह शताब्दी जेहालत के अंधेरे में रखा। और इंसान अपने आप को इस अंधेरे से नेजात ना दे सका। अतः यह कहना पड़ेगा कि अरस्तू के कारण अट्ठारह सदियों तक इल्मी उन्नति रुकी रही और उसमें कोई तरक़्क़ी नहीं हुई।

इल्म ज़ंजीर की कड़ियों कि तरह है जिन में एक कड़ी दूसरी कड़ी से मिली होती है। और एक इल्म दूसरे इल्म के पैदा होने का कारण होता है। अरस्तू का यह कहना कि ज़मीन और दुसरे ग्रह सूरज का चक्कर लगाते हैं इस बात से इंसान का जहिल रहना और हक़ीक़त के ना जानने के कारण 18 सदियों तक इल्मी प्रगति रुकी रही। उस अरस्तू का इतना सम्मान था कि कोई भी उसकी बात को रद नहीं करता था और वह जो भी कहता था सब आँख बन्द करके उसी की बात को स्वीकार कर लेते थे। और दुनिया वालों की दो बातों नें उस समय अरस्तू की बात को और भी सही साबित किया। एक यह कि अरस्तू से पाँच साल बाद आने वाले जुग़राफिया दान बतकमीयूस ने भी उसकी बात की ताइद की। और यह भी कहा कि ग्रह कुछ चीज़ों के इर्द गिर्द चक्कर लगाते है जो कि ख़ुद भी हरकत करते हैं और वे चीज़ें ज़मीन का चक्कर लगाती हैं। मगर ज़मीन हरकत नहीं करती है बल्कि रुकी हुई है।(27)

यानी बतलमीयूस ने ग्रहों की हरकत को ज़मीन के इर्द-गिर्द बताया और यह साबित किया कि ज़मीन रुकी हुई और सारे ग्रह उसका चक्कर लगाते हैं।

अरस्तू की बात की ताईद करने का दूसरा कारण यह था कि यूरोप के चर्च में अरस्तू की बातों को सही मानते थे और यह कह कर सब को ख़ामोश कर दिया कि ज़मीन के बारे में अरस्तू ने जो कुछ कहा है वह सब सही है और उसमें कोई शक नहीं है, क्योंकि अगर जमीन रूकी हुई ना होती बल्कि हरकत करती तो उसमें ख़ुदा का बेटा ( यानी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ) कभी भी ज़हूर ना करते।

 


(26) इल्म व नाबखुर्दीः 103

(27) मग़ज़े मोतफ़क्किरे जहान शीयाः 302

 

 

ملاحظہ کریں : 2949
آج کے وزٹر : 36322
کل کے وزٹر : 232107
تمام وزٹر کی تعداد : 168594193
تمام وزٹر کی تعداد : 124012331