حضرت امام صادق علیہ السلام نے فرمایا : اگر میں ان(امام زمانہ علیہ السلام) کے زمانے کو درک کر لیتا تو اپنی حیات کے تمام ایّام ان کی خدمت میں بسر کرتا۔
वस्सिरुल मुसतवदए फ़ीहा का मतलब क्या है ?

वस्सिरुल मुसतवदए फ़ीहा का मतलब क्या है ?

जवाबः इसके बारे में हम बयान करेंगे कि ये जनाब-ए-फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा के ऊपर सलवात भेजा गया है। लेकिन कुछ बुज़ुर्ग उलमा का बयान है कि इससे मुराद इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ हैं और ये सही भी है। और इस बात को इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की माँ जनाब-ए-नरजिसे ख़ातून की ज़ियारत में भी बयान किया गया है। और इस बात को जनाब-ए-फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा और जनाब-ए-नरजिसे ख़ातून की ज़ियारत में बयान करने का मक़सद ये है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ इन दो ख़ातून की नस्ल से हैं। इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ जनाब-ए-फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा और जनाब-ए-नरजिसे ख़ातून की दौलत के राज़ हैं जिनके ज़हूर के बाद हर राज़ से पर्दा उठ जाएगा। जैसा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम इरशाद फ़रमाते हैं किः

कोई ऐसा इल्म (ज्ञान) नहीं जिसको मैंने बयान नहीं किया हो, और कोई ऐसा राज़, राज़ नहीं रह जाएगा जिसको हमारा क़ायम (यानी इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ) बयान नहीं करेगा।

अगर अल्लाह ने चाहा तो वो दिन दूर नहीं जब इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के ज़हूर के कारण सारे राज़ से पर्दा उठ जाएगा।

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