दूसरी भाषा में बात करना
उसे मारने का प्रयास करने वालों में एक हिस्पान का था जब वह व्यक्ति उसके मुंह और नाक पर तकिया रख कर दबा रहा था तो पीटर ने उस को हिस्पानवी भाषा में कहा “ कूमू आबू दूरू दाला मुयराना ” जब्कि पीटर को हिस्पानवी भाषा का एक शब्द भी नहीं आता था । हिस्पानवी ने तकिया हटा कर आश्चर्य से कहा कि यह आश्चर्यजनक बात है कि यह मुझ से कह रहा है कि तुम मुझे क़त्ल करने से डर रहे हो और मैं इस समय यही सोच रहा था। कुछ देर चुप रहने के बाद हिस्पानवी कहता है कि मैं तुम्हारी बात पर विश्वास करता हूँ मैं यह सोच रहा था लेकिन तुम मुझे बुरा भला मत कहना। आख़िर ऐसी अजीब शक्ति को किस तरह स्वीकार किया जा सकता है ?
उस घटना के बाद पीटर की घटना पूरे हस्पताल में प्रसिद्ध हो गयी अब वह यह महसूस कर रहा था कि वह सबसे अलग एक अलग इंसान बन जाएगा। अब वह अपनी छठी इन्द्रिय (हिस) से डरता नहीं था, बल्कि वह उसके माध्यम से पैसा कमाना चाहता था जब वह अपने घर वापस गया तो कोई उसको पहचान नहीं सका उसकी माँ का कहना था कि मेरा बेटा काल्पनिक हो गया है पीटर ख़द भी कहता था कि मैं पहले जिन कठिनायोँ (परीशानियोँ) का सामना कर रहा था अब भी इन्हीं कठिनायोँ का सामना कर रहा हूँ। जब कोई पड़ोसी मेरी चापलूसी करता है तो मैं उसका दिमाग़ पढ़ लेता हूँ और उसको बता देता हूँ कि वह झूट बोल रहा है। मैं यह भी समझ चुका था कि मेरी माँ, बहन, और मेरे भाई भी मुझ से बहुत सारी बातें छुपाते हैं। लेकिन अब कोई मुझसे झूट नहीं बोल सकता था। लेकिन जब मैं लोगों के झूट के बारे में जान लेता हूँ तो मुझे बहुत दुख होता है।
Pengunjung hari ini : 116381
Total Pengunjung : 275404
Total Pengunjung : 121705428
|