امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
ज़हूर का ज़माना, निश्चिंत ज़माना होगा

ज़हूर का ज़माना, निश्चिंत ज़माना होगा

ज़हूर के ज़माने की विशेष्ता बहुत ज़्यादा हैं। हमने इस किताब में उसकी कुछ मिसालें बयान की हैं। उनमें से एक हमारी बहेस से भी संम्बधित है और वह यह है कि ज़हूर का ज़माना बहुत ही निश्चिंत ज़माना होगा। सबके दिल से शक व शंका ख़त्म हो जाएगा। दिल पवित्र होजाएँगे क्योंकि उस दिन शैतान मिट जाएगा। इंसान की अक़्ल पूर्ण हो जाएगी और नफ़्स़ में परिवर्तन होगा। फिर इंसान ख़ुदा की इबादत करेगा कि जिससे उसको सुकून मिलेगा। क्योंकि ख़ुदा और ख़ुदा की इबादत दिलों को सुकून देती है। ख़ुदा वन्दे आलम  क़ुर्आन में फ़रमाता हैः

ألا بذکر اللہ تطمئن القلوب

आगाह हो जाओ कि इत्मीनान (निश्चिंता), ख़ुदा को याद करने से ही मिलती है।(22)

ख़ुदा की याद इंसान के विश्वास में बढ़ोत्तरी का कारण है, यानी इंसान के दिल को सुकून मिलता है कि जिसके कारण शक व शंका दिल से ख़त्म हो जाती है। और इस तरह इंसान का अपने दिल पर क़ाबू हो जाता है और शैतान के धोके से भी सुरक्षित रहता है क्योंकि शैतान उस समय आकर बहकाता है जब वह इंसान को किसी काम के लिए उभारे और उकसाए। मगर जिसका दिल विश्वास से भरा रहता है उसपर शैतान कि किसी भी बात का असर नहीं होता है।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम इस बारे में फ़रमाते हैं :

بالخمود تحت السلطان المطّلع علی سرّک

अपने आप को, अपने राज़ों (रहस्यों) के जानने वाले के समक्ष क़रार दो। (ईश्वर के समक्ष)(23)

अगर इंसान को यह मालूम हो कि ख़ुदा और उस के भेजे हुए पैग़म्बर (दूत) इंसान की हर चीज़ के बारे में जानते हैं और इंसान हर समय उनके समक्ष है तो फिर वह इस सत्य से लापरवाही ना करे तो वो हर उस चीज़ से आँखें बंद कर लेगा जो भी दुनिया से दिल लगाने और उसके प्रेम का कारण बने। जब इंसान यह समझ जाए कि वह इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के समक्ष में है तो फिर हर उस चीज़ से दूरी करेगा जो उसको गुनाह की तरफ़ ले जाती हैं और जो इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की मरज़ी के ख़िलाफ़ है।


(22) सूरए राद, आयत न0. 28

(23) मिसबाहुश्शरीयाः 9

 

بازدید : 5921
بازديد امروز : 63714
بازديد ديروز : 194999
بازديد کل : 161579336
بازديد کل : 119501541