الإمام الصادق علیه السلام : لو أدرکته لخدمته أیّام حیاتی.
4) महदवियत के दावेदारों की पहचान

4) महदवियत के दावेदारों की पहचान

शिया इतिहास में बहुत से लोग मेहदी होने के दावे के साथ उठे हैं और ख़ुद को लीडर और लोगों का सुधारक बताया है, और इन मक्कारियों और बहानों से लोगों का ख़ून बहाया और उनकी जान और संम्पत्ति को बरबाद किया, और बहुत से लोगों को गुमराह किया, लेकिन वह लोग जिन्होंने सच्चे दिल से इन्तेज़ार के रास्ते में क़दम बढ़ाया है और अपने वजूद को विलायत के नूर से प्रकाशमयी किया हैं, वह इन मक्कारों की चाल में नही आए और इनके जाल में नही फसें, और उनको इस प्रकार जवाब दिया

बोरो ईन दाम बर मुर्ग़े दीगर नह

कि अनक़ा रा बुलंद अस्त आशयानेह

उनकी जानकारी और शिकारियों एवं राहज़नों की पहचान, इमामत के बुलंद मरतबे की सही जानकारी के कारण है, इस प्रकार कि वह अम्रत को सराब (मरिचिका) से नही बेचते हैं और ख़िलाफ़त को ग़स्ब करने वालों को इमामत के मुक़ाबले में नही चुनते हैं।

 

 

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