1. सूंघ कर इल्म हासिल करना
1. सूंघ कर इल्म हासिल करना
इंसान के अंदर एक चीज़ है और वह है, सूंघने की शक्ति, कि जिस से इंसान इल्म हासिल करता है।
हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया है किः
‘‘تعطروا بالاستغفار و لا تفضحکم روائح الذنوب’’
इस्तिग़फ़ार के ज़रिये (द्वारा) अपने आपको मअत्तर (सुगंधित) बनाओ तकि गुनाहों की बदबू (दुर्गंध) तुमको रुसवा ना करे।(5)
कुछ अल्लाह के नेक बंदे ऐसे भी हैं कि जो सासों के बू से अंजाम दिए गए आमाल (कर्म) के बारे में बता देते हैं इसी लिए हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया कि इस्तिग़फ़ार करो कि तुमने जो गंदे आमाल अंजाम दिए है वह दूसरे लोग ना जान सकें।
(5) बेहारुल अनवारः 6/22. 93/278
यात्रा : 2531
आज के साइट प्रयोगकर्ता : 107794
कल के साइट प्रयोगकर्ता : 247846
कुल ख़ोज : 107869177
|