ઈમામ સાદિક઼ (અ.સ.) એ ફરમાવ્યુઃ અગર હું એમના જમાનામાં હોઉં તો મારી જીન્દગીનીના તમામ દિવષો એમની સેવા કરીશ.
तीसरे प्रकार के अविष्कार

तीसरे प्रकार के अविष्कार

यह प्रकार ग़ैबत के ज़माने के लोगों में पायी जाती हैं जिनका कोई भी नुक़सान नहीं है। ऐसी बहुत सी चीज़ें है। जिनके बारे में हम कहेंगे कि अक़ल का तकामुल (बुद्धी पूर्णता) और इल्मी उन्नति से महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा। और उसके बाद पुरानी चीज़े खत्म हो जाएँगी इसकी मिसाल यह है कि क्या आज के दौर में मोटर होने के बावजूद कोई रस्सी और डोल से पानी निकालेगा ?

अगरचे आज भी बहुत से इलाक़ो में जहाँ तरक़्क़ी नहीं हुई है वहाँ रस्सी और डोल को इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन ज़हूर के बा बरकत ज़माने में ऐसा नहीं होगा, बलकि हर जगह उन्नति होगी चाहे शहर हो या गाँव।

हमने इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के सांसारिक और न्यायिक राज्य के बारे में बयान किया है कि उनके राज्य में दुनिया के हर इंसान को सारी सुविधा उपलब्ध होगी।

 

 

 

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