Imam Shadiq As: seandainya Zaman itu aku alami maka seluruh hari dalam hidupku akan berkhidmat kepadanya (Imam Mahdi As
बुद्धी का पूर्ण होना क्या है ?

बुद्धी का पूर्ण होना क्या है ?

बुद्धी पूर्णता की बहसों ने बहुत से पश्चिमी लेखकों अपनी तरफ़ आकर्षित किया है वह अपनी इल्मी योग्यताओं का दावा करते हैं लेकिन उसके बावजूद उनका यह मानना है कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब आज की बनिसबत इंसानों की बुद्धियाँ खरबों गुना ज़्यादा हो जाएँगी।

पश्चिमी लेखकों मेंसे एक नाम करज़वील है जिसका मानन है कि कोई भी इंसान दिमाग़ में सिर्फ़ और सिर्फ़ 100 खरब जानकारी जमा कर सकता है, संभव है कि आपकी नज़र में यह एक बहुत बड़ी संख्या हो। मगर इन्सान के दिमाग़ का अब भी बहुत प्रयोग नहीं हुआ है और वह अभी भी कोरे काग़ज़ की तरह ही है। क्योंकि भविष्य में इन्सान का दिमाग़ आज से कहीं ज़्यादा होगा और अरबों और खरबों गुना ज़्यादा होगा।

इस में महत्वपूर्ण नुकता यह है कि वह संसार के रहस्य जिनको इन्सान अभी तक नहीं जान सका है।

और पश्चिमी लेखकों को जो संसार के यह रहस्य अभी तक समझ नहीं सके हैं यह अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम से दूरी का नतीजा है । बावजूद इसके वह बुद्धी के पूर्ण होने को स्वीकार करते हैं। लेकिन उन्हें उसकी परिस्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है इसलिए वे लोग अपनी बातों में ग़ल्तियाँ करते हैं। लोग हर चीज़ को यहाँ ताकि बुद्धी के पूर्ण होने को भी इसी ज़ाहिरी आँखों से देखते हैं जबकि यह तो दिल की आँखों से देखने की चीज़ है।

 

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