امام صادق عليه السلام : جيڪڏهن مان هن کي ڏسان ته (امام مهدي عليه السلام) ان جي پوري زندگي خدمت ڪيان هان.
आसमानी जीव से परिचय

आसमानी जीव से परिचय

आसमानी जीवों से परिचय, अंतरिक्ष यात्रा के माध्यम से ही होगा। क्योंकि आसमानों में भी जीवन पाया जाता है। इस बात की तरफ़ हमारे इमामों ने भी अपनी हदीसों में इशारा किया है। जैसा कि इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः

قال امیر المومنین علیہ السلام: لھذہ النجوم التی فی السماء مدائن مثل المدائن التی فی الارض

हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः आसमानो में पाए जाने वाले सितारों में भी शहर हैं। जैसे ज़मीन पर शहर पाए जाते हैं।

इस रेवायत से यह साफ़ पता चलता है कि ज़मीन की तरह आसमानो में भी जीव पाए जाते हैं और ज़मीन की तरह वहाँ भी शहर आबाद हैं।(16)

दूसरी रेवायत में अबू बसीर कहते हैं किः

سالتہ عن السماوات السبع ، فقال سبع سماوات لیس منھا سماء الا و فیھا خلق ، و بینھا و بین الاخریٰ خلق حتی ینتھیٰ الی السابعۃ ؛

قلت : والارض

قال : سبع ، منھن خمس فیھن خلق من خلق الرب ، واثنان ھواء لیس فیھما شئ

अबू बसीर कहते हैं कि मैंने इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम से सात आसमानों के बारे में सवाल किया तो इमाम ने फ़रमायाः

सात आसमान हैं कि जिनके बीच में कोई आसमान नहीं, मगर उस आसमान और दुसरे आसमानों के बीच में जीव पाए जाते हैं। और इस तरह यह सात आसमान होते हैं।

मैंने पूछा कि ज़मीन कैसी है ?

इमाम ने फ़रमायाः ज़मीन भी सात हैं जिनमें से पाँच पर जीव रहते हैं। और दूसरी दो ज़मीनो में हवा पायी जाती है और उसमें कोई भी नहीं रहता है।(17)

आज दुनिया जिस चीज़ के बारे में पता करने में मरी जा रही है उन सबके बारे में हमारे इमामों और नबियों ने सैंकड़ों साल पहले इशारा कर दिया था।

 


(16) बेहारुल अनवारः 58/91

(17) बेहारुल अनवारः 58/97

 

 

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