امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
दिमाग़ की शक्ति

दिमाग़ की शक्ति

अब हम दिमाग़ की शक्ति के बारे में बहस करेंगे अतः हम कह सकते हैं कि अभी तक इंसान अपने दिमाग़ कि शक्तियों से पूरी तरह लाभ नहीं उठा सका है।

बहुत से लेखकों ने इस बारे में लिखा है कि अभी तक इंसान अपने दिमाग़ की शक्ति से पूरी तरह लाभ नहीं उठा सका है और वह इससे मजबूर भी है कि अपने से अपने दिमाग़ की शक्तियों से लाभ उठाए। हम यहाँ इस बात को साबित करने के लिए कुछ मिसाल बयान करेंगे। आम तौर पर हमारे दिमाग़ की बहुत कम शक्तियों का प्रयोग होता है जब कि उसको प्रयोग करने के लिए हर इंसान आज़ाद है कि जैसे चाहे अपने दिमाग़ का प्रयोग करे। लेकिन अफ़सोस कि हम लोग कभी-कभार ही अपने दिमाग़ की शक्तियों से लाभ उठा पाते हैं।(20)

यह कहना भी ग़लत नहीं होगा कि इंसान अपनी सारी क्षमता का प्रयोग करने के बाद भी अपने दिमाग़ के करोड़वें भाग से भी लाभ नहीं उठा पाता है, या लाभ नहीं उठा सका है।(21)

और इस बात में भी किसी तरह की कोई शंका नहीं है कि हम आज तक नहीं जान सके हैं कि सोच-विचार करते समय हमारे दिमाग़ की क्या प्ररिस्थिति होती है अतः इस बात से साफ़  हो जाता है कि इंसान अपने दिमाग़ की शक्तियों का पूरी तरह से प्रयोग नहीं कर सका है, लेकिन जिस दिन ख़ुदा का हाथ सारे इंसानों के सरों पर होगा उस दिन इंसान के दिमाग़ में छिपी हुई सारी शक्तियाँ उजागर हो जाएँगी और इंसान की बुद्धी पूर्ण हो जाएगी।(22)

इंसान की तमाम सफ़्लता उस के दिमाग़ में छिपी हुई है।

इंसान का दिमाग़ 14 अरब सेल्स से पैदा हुआ है और हर सेल, दूसरे सेल्स से जुड़ा हुआ है। यह दिमाग़ की शक्ति जिसको एक आम इंसान सोच भी नहीं सकता और इस को सिर्फ़ माहेरीन (एक्सपर्ट्स) ही बता सकते हैं।

हमारे पास अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम की ऐसी रेवायात हैं कि जिनके होते हुए हमें किसी दूसरे की बात बयान करने की आवश्यकता ही नहीं है। मगर अपनी बात की पुष्टी के लिए कुछ लोगों के वाक़ेआत को बयान करना भी आवश्यक है कि जो आम इंसानों से कहीं ज़्यादा दिमागी शक्तियों के मालिक थे और जिससे यह भी पता चलता है कि दिमाग़ में बहुत सी शक्तियाँ छिपी हुई हैं।

“अगाउन” नाम के एक व्यक्ति ने अपने जीवन काल में 2500 किताबों को पढ़ा उसे यह सारी किताबें याद थीं उससे भी आशचर्यजनक बात यह थी कि वह एक सेकेंड भी सोचे हुए उस किताबों को पढ़ सकता था।(23)

कुछ दिन पहले की बात है जब दुनिया के सारे अख़बार, पत्रकार, पत्रिकाएं और टेलीवीज़न चैनल्ज़ वाले हुसैन क़ादरी नाम के व्यक्ति के बारे में चर्चा कर रहे थे कि उसका दिमाग़ आम इंसानों से कहीं ज़्यादा है और उसको पूरे इतिहास के बारे में मालूम है। और वह हर प्रश्न का उत्तर बिना सोच-विचार के देता है । हुसैन क़ादरी के दिमाग़ में बहुत से बुजुर्गों की जन्म-तिथि और मृत्यु-तिथि हैं जो कि उसको हमेशा याद रहती हैं और वह कभी नहीं भूलता इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह थी कि उसने ऊर्दु महीने के अनुसार एक जनतरी बनायी थी कि जिसके दो भाग थे। एक हिस्से को 16 साल के दौर के हिसाब से बनाया था जिसमें हफ़्ते के दिन और 1901 से लेकर 2000 तक के सारे दिनो को भी लिखा था । और उसमें हर महीने की महत्वपूर्ण घटनाओं को भी लिखा था।

दूसरे भाग में 1501 से लेकर 1570 साल तक के दिनों को लिखा था इस भाग में दिनों के नाम, महीनों के नाम हफ़्तों के नाम को ईसवी के अनुसार लिखा था।

इस जनतरी में एक भाग और भी था जिसमें ईसाइयों की महत्वपूर्ण तिथियों को लिखा था। और उसमें 3000 वर्ष तक के दिनों को लिखा था।

इंसान के दिमाग़ की शक्तियों को बताने के लिए और भी बहुत सी घटनाएँ हैं जो इस पर दलील हैं इसी तरह यह ग़ैबत के ज़माने में बुद्धी के पूर्ण होने को भी बयान करता है। गणित के यह माहेरीन कुछ सेकेंड में ही ऐसे प्रश्नों को हल कर देते हैं।

 


(20) तवानहाए ख़ुद रा बे शनासीदः 14

(21) तवानहाए ख़ुद रा बे शनासीदः 32

(22) तवानहाए ख़ुद रा बे शनासीदः 17

(23) नुसख़ए आत्तारः 134

 

 

 

    بازدید : 3181
    بازديد امروز : 0
    بازديد ديروز : 258635
    بازديد کل : 163000973
    بازديد کل : 120394150