امام صادق عليه السلام : جيڪڏهن مان هن کي ڏسان ته (امام مهدي عليه السلام) ان جي پوري زندگي خدمت ڪيان هان.
सही और नयी टेक्नोलॉजी सिर्फ़ दीन की क्षत्रछाया में सम्भव है

सही और नयी टेक्नोलॉजी सिर्फ़ दीन की क्षत्रछाया में सम्भव है

अब हम एक अहम नोकते को विस्तार से बयान करते हैं। मगर उससे पहले कुछ बातों को बयान करना बहुत ज़रूरी है। और वह यह है कि इंसान आत्मा और जिस्म के संग्रह का नाम है लकिन क्या इंसान सिर्फ़ जिस्म और आत्मा से बना है ? या नफ़्स और जिस्म से बना है ? या फिर इंसान आत्मा, जिस्म, अक़ल, और नफ़्स के संग्रह का नाम है ?

यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न हैं कि इंसान किस चीज़ से बना है ?

इस बारे में हर धर्म के मानने वालों ने अपने अपने दृष्टिकोंण से इसका उत्तर दिया है। कुछ ऊपर वाली बात को मानते हैं तो कुछ नहीं मानते हैं।

हमें यह बात साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि इंसान जिस्म और आत्मा से मिल कर ही बना है और वह अक़ल और नफ़्स का मालिक है ।

 

 

 

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