ઈમામ સાદિક઼ (અ.સ.) એ ફરમાવ્યુઃ અગર હું એમના જમાનામાં હોઉં તો મારી જીન્દગીનીના તમામ દિવષો એમની સેવા કરીશ.
ज्ञान और संस्कृति पूर्णता2

ज्ञान और संस्कृति पूर्णता

दुनिया बहुत तेज़ी से इल्म (ज्ञान) की प्रगति कि आशा कर रही है, और उस दिन की प्रतीक्षा में है जब इस संसार में महान परिवर्तन से संसार का चेहरा चमक उठेगा और यह संसार स्वर्ग का रूप धारण कर लेगी।

इंसान की यह इच्छा उस समय पूरी होगी जब संसार में इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की जीवन दाता आवाज़ गूंजेगी, और तमाम लोग इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की आवाज़ को सुनेंगे।

इस समय दुनिया में महान परिवर्तन प्रारम्भ हो जाएँगे। इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ ज़हूर फ़रमाएँगे। और आप दुनिया में ना दिखाई देने वाली शक्तियों, और इंसानी तक़दीर को बदलने के लिए क़याम करेंगे। कुछ ही समय में इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ दुनिया को ज़ालिमों और सितमगरों से पवित्र कर देंगे। फिर इंसानी समाज तरक़्की (प्रगति) के रास्ते पर चलेगा कि जिस की हम कल्पना भी नहीं कर सकते।

ज़हूर के ज़माने में बुद्धी पूर्णता से ऐसी महान संस्कृति वजूद में आएगी कि जो हमारी सोच से भी बाहर है। हम इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के न्यायिक और सांसारिक राज्य को सोच भी नहीं सकते कि वह कैसा होगा ?

कम्प्यूटर सिस्टम की तरक़्की को देखकर हम इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के राज्य का सिर्फ़ अंदाज़ा कर सकते हैं क्योंकि कम्पयूटर हमें जो सुविधायें उपलब्ध करता है आज से कुछ वर्ष पहले तक हम उसके बारे में सोच भी नहीं सकते थे।

यह प्रगति उस सत्य को बयान करती है कि इंसान बुद्धी पूर्णता के कारण ऐसे महान रहस्य से पर्दा उठा सकता है कि जो हमारी सोच से भी बाहर है।

इस आधार पर हम ऐसे दिन की प्रतीक्षा में हैं कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की रहनुमाई और हेदायत से इंसान अपने दिमाग़ की सारी शक्तियों को उजागर करके उन से लाभ उठाएगा। ज़हूर के बाद सिर्फ़ नेक आमाल ही अंजाम देगा।

 

 

 

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