امام صادق فیق پوسی کسل بیونید پقری ناکهوےنمنرونه تهوک نارےنری ژهیوگنگ مه کهوی فیق پوے چوکی بیک پاٍ
ज़हूर या शुभआरम्भ

ज़हूर या शुभआरम्भ

अगर हम कहें कि ज़हूर का आरम्भ पूर्णता का आरम्भ है तो ऐसे लोगों (जिन लोगों को ऊपर बयान किया गया है।) को विश्वास कराना बहुत कठिन होगा। क्योंकि वह इस बात पर विश्वास नहीं कर सकते कि ज़हूर का आरम्भ उन्नति व प्रगति का आरम्भ है ।

इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए इस बात का बयान करना ज़रूरी हैः जो इस ग़लत बात को मानते हैं उसका कारण यह कि वह लोग इस बात को समझ ही नहीं सके कि ज़हूर का ज़माना उन्नति और प्रगति का ज़माना है। क्योंकि वह लोग आज के ज़माने को ही सबसे तरक़्क़ी का ज़माना समझते हैं। और इस ज़माने से ज़्यादा वह किसी भी ज़माने को इतना तरक़्की का ज़माना नहीं समझते।

हम यहाँ पर दो नुक्ता बयान करेंगेः

1. ऐसे लोग इस ज़माने को ही सबसे तरक़्क़ी का ज़माना समझते हैं इसलिए वह इसी ज़माने को सवीकार करते हैं और इसके आगे वह कुछ समझना ही नहीं चाहते।

2. ऐस लोग भविष्य में आने वाले समय के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, इसीलिए वह यह कहते हैं कि अब कोई भी चीज़ अविष्कार के लिए बाक़ी नहीं बची हैं।

 

 

 

 

 

    دورو ڪريو : 2818
    دیرینگنی هلته چس کن : 237316
    گوندے هلته چس کن : 275404
    هلته چس گنگ مه : 164666670
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