Imam Shadiq As: seandainya Zaman itu aku alami maka seluruh hari dalam hidupku akan berkhidmat kepadanya (Imam Mahdi As
4. और दूसरी चीजों के माध्यम से इल्म सीखना

4. और दूसरी चीजों के माध्यम से इल्म सीखना

एक बात जो यहाँ बयान करना है वह यह है कि सुनने और पढ़ने के माध्यम से इल्म हासिल करना, इंसान की उन शक्तियों में से है जो कि दिखाई नहीं देती लेकिन ज़हूर के ज़माने में इंसान इन शक्तियों के अलावा दूसरी शक्तियों से भी लाभ उठाएगा।

हम ने जो कुछ यहाँ बयान किया उससे यह मालूम होता है कि अक़्ल के मोकम्मल होने से इल्म के रास्ते इंसान के सामने ख़ुद-बखुद खुल कर सामने आ जाएगें अतः उस ज़माने में जब अक़ल मोकम्मल हो जाएगी तो इंसान इल्म हासिल करने के लिए सिर्फ़ देखने और सुनने जैसी चीज़ों में ही निर्भर नहीं रहेगा बल्कि और भी दूसरे रास्ते होंगे इल्म हासिल करने के ।

ज़हूर के बा बरकत ज़माने में इंसान ना सिर्फ़ यह है कि आँख से देख कर ही नही बल्कि दिल से भी इल्म हासिल करेगा। और सिर्फ़ आँख और कान ही पर इंसान की शक्तियाँ निर्भर नहीं होंगी।

 

 

 

 

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