الإمام الصادق علیه السلام : لو أدرکته لخدمته أیّام حیاتی.
आध्यात्मिक पूर्णता

आध्यात्मिक पूर्णता

दुनिया में फंस कर इंसान आध्यात्मिकता बातों से दूर हो चुका है। इंसान सांसारिक माया-मोह में फंस चुका है जिसे आध्यात्मिक बातों पर विचार करने का समय ही नहीं है। कुछ लोग संसार के कामों में फंस जाते हैं और उनको ख़ुदा तक की ख़बर नहीं होती है। और ऐसे लोगों को अलेबैत अलैहेमुस्सलाम की तरफ़ से मिलने वाली गुप्त सहायता की जानकारी ही नहीं होती है।

जिसने अपनी आँखों पर दुनियावी पट्टी बांधी हुई है वह इस दुनिया से भी ज़्यादा सुंदर दुनिया को किस तरह देख सकता है?

इस लिएकि अगर कोई अपनी आँखों पर रंगीन ऐनक लगा ले तो फिर जिस तरह का ऐनक का रंग है उसको वैसा ही दिखाइ देगा और वह असली रंग को नहीं देख सकता है ।

जिसके आगे-पीछे दुनियावी दीवार खड़ी हो वह किस तरह दीवार के उस पार देख सकता है ?

अगर कोई भी एक कमरे में बन्द हो और उसमें घुप अंधेरा हो तो क्या वह उस कमरे के बाहर की चीज़ों को, दुखों और खुशियों को देख सकता है ?

ग़ैबत के ज़माने में जन्म लेने वाला इंसान जेल में क़ैद एक ऐसे इंसान की तरह है जिसको वहाँ से रेहाई का कोई रास्ता भी प्राप्त ना हो । बल्कि ऐसे लोगों का हाल उन क़ेदियों से भी बुरा है कि जो ग़ैबत के ज़माने में जीवन बिता रहे हैं। क्योंकि क़ैदी को कम से कम यह तो पता है कि वह क़ैद में हैं और रेहाई की आशा में अपना जीवन बिताते हैं और हमेशा रेहाई के बारे में ही सोच-विचार करते हैं। लेकिन अफ़सोस कि ग़ैबत के ज़माने में जन्म लेने वाले इस ज़माने के अलावा दूसरे ज़माने के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं। उन की मिसाल कुँए के मेंढ़क जैसी है, जो कुँए को ही पूरा संसार सझता है। उन्होंने ज़हूर के ज़माने का स्वाद ही नहीं चखा और ना ही ज़हूर के ज़माने को मिठास को चखा है। इस कारण वह ज़हूर के ज़माने की क़ैद में हैं वह ना तो पहले इस जेल से रेहाई की फिक्र में थे और ना अब हैं।

हम और ग़ैबत के ज़माने के सारे क़ैदी, ज़हूर के प्रकाशमय ज़माने से लापरवाह हैं और इस तरह हम अपनी क़ैद में और ज़्यादा बढ़ोत्तरी कर रहें हैं। हम ग़ैबत की जेल में क़ैद हैं और फिर भी हम उससे रेहाई कि फिक्र नहीं करते ।

ग़ैबत के ज़माने की क़ैद आध्यात्मिक चीज़ों से लापरवाही का नतीजा है।

 

 

زيارة : 5915
اليوم : 105638
الامس : 243717
مجموع الکل للزائرین : 162149177
مجموع الکل للزائرین : 119967182