امام صادق فیق پوسی کسل بیونید پقری ناکهوےنمنرونه تهوک نارےنری ژهیوگنگ مه کهوی فیق پوے چوکی بیک پاٍ
3) इमाम ज़माना (अ) के प्रतिष्ठित सहाबी

3) इमाम ज़माना (अ) के प्रतिष्ठित सहाबी

इन्तेज़ार के रास्ते की तरफ़ लोगों के अकर्शित होने के बहुत से कारणों में से एक कारण वास्तविक इन्तेज़ार करने वालों यानी इमाम ज़माना (अ) के सहाबियों के मरतबे की पहचान है।

वास्तविक इन्तेज़ार करने वालों पर इन्तेज़ार के आश्चर्य जनक प्रभावों में से एक यह है कि वह ना केवल अक़ीदे और एतेक़ाद के लेहाज़ से विलायत के महान मरतबे की पहचान रखते हैं बल्कि वह स्वंय विलायत के चमकते हुए सूरज की किरणों में से एक किरण हैं। यानि अपनी योग्यता भर इन्तेज़ार के रास्ते पर चल करके उन्होने ख़ानदाने वही से रूही और मानवी शक्तियां प्राप्त की हैं, और इन शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने दायित्वो को पूरा करते हैं।

इस तरह के लोग इमाम ज़माना (अ) के साथियों के सरदार हैं, और इमाम ज़माना (अ) की विलायत पर विश्वास रखने वालों में सब से आगे हैं।

रहीम परवरदिगार क़ुरआने मजीद में इरशाद फ़रमाता हैः

فَاسْتَبِقُواْ الْخَيْرَاتِ أَيْنَ مَا تَكُونُواْ يَأْتِ بِكُمُ اللّهُ جَمِيعًا[1]

नेक कामों में एक दूसरे से आगे बढ़ों, तुम जहां भी रहोगे ख़ुदा एक दिन तुम सबको जमा कर देगा।

यह आयत इमाम जमाना (अ) के उन तीन सौ तेरह सहाबियों के बारे में कि है जिनको ज़ोहूर के दिन ख़ुदा अपने घर (काबे) के पास इमाम के गिर्द जमा करेगा, ताकि यह आप की सहायता करें और अत्याचारियों का सर्वनाश करें।

कभी कभी एक बहुत महत्व पूर्ण सवाल कुछ लोगों के दिमाग़ में आता है, कि नेकियों पर एक दूसरे से आगे बढ़ने का अर्थ क्या है? और इमाम के तीन सौ तेरह साथी आख़िर किस गुण या सिफ़त में दूसरों से आगे हैं और किस प्रकरा वह इस मरतबे तक पहुंच गए?

इस सवाल के जवाब के लिए हम ख़ानदाने वही यानी अहले बैत (अ) के दरवाज़े पर जाएंगेः

हज़रत इमाम मोहम्मद बाक़िर (अ) इस आयत की तफ़सीर में फ़रमाते हैः

أَلْخَیْرٰاتُ:أَلْوِلاٰیَةُ لَنٰا أَھْلَ الْبَیْتِ[2]

नेकियों का अर्थ (जो कि आयत में बयान किया गया है) हम अहले बैत (अ) की विलायत है।

 


[1] सूरा बक़रा आयत 148

[2] अल ग़ैबत मरहूम नोअमानी, पेज 314

 

 

 

    دورو ڪريو : 2928
    دیرینگنی هلته چس کن : 152047
    گوندے هلته چس کن : 187140
    هلته چس گنگ مه : 160114496
    هلته چس گنگ مه : 118704324