अंतरिक्ष में यात्रा
ज़हूर के तरक़्क़ी और उन्नति से भरे हुए ज़माने में अंतरिक्ष में यात्रा यह एक बहुत ही दिलचस्प विषय है।
क़ुर्आन और हदीसे अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम में अंतरिक्ष की यात्रा के बारे में बहुत ही दिलचस्प नुक्ते पाए जाते हैं। ज़हूर के ज़माने में अंतरिक्ष में यात्रा करने के बारे में बयान करने से पहले तारों, कहकशाओं, ग्रहों और बादलों के बारे में बयान करना ज़रूरी है। ताकि हम सब अंतरिक्ष में यात्रा की महानता को पहचान सकें और पहचान सकें कि ज़हूर के बा बरकत ज़माने में अंतरिक्ष की यात्रा बहुत ही आश्चर्यजनक होगी।
यह जान लेना भी बहुत महत्वपूर्ण है कि आज यूरोप और अमेरिका, अंतरिक्ष के बारे में जो कुछ भी बयान करते हैं वह ऐसा ही है कि जैसे उन्होंने अंतरिक्ष को अभी तक समझा ही नहीं है और उसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं।
आज जितने भी मुल्क चाँद पर ज़मीन खरीदने और बेचने (प्लॉटिंग) की बात करते हैं वह सब एक अफ़साना है और यह सिर्फ़ इसलिए है कि वह दुनिया वालों पर अपनी तरक़्क़ी और उन्नति को साबित करना चाहते हैं जबकि हक़ीक़त यह है कि वे मुल्क सिर्फ़ लोगों के सोच-विचार पर हावी होना चाहते हैं और लोगों में अपना डर और भय बैठाना चाहते हैं। और वे लोग भी इस बात को जानते हैं अब हम आप से एक सवाल करते हैं कि क्या चाँद पर पहुँच जाना (अगर इस घटना को सही मान लें तब) संसार के सारे रहस्य को जान लेना है ?
آج کے وزٹر : 59590
کل کے وزٹر : 232107
تمام وزٹر کی تعداد : 124035599
|