حضرت امام صادق علیہ السلام نے فرمایا : اگر میں ان(امام زمانہ علیہ السلام) کے زمانے کو درک کر لیتا تو اپنی حیات کے تمام ایّام ان کی خدمت میں بسر کرتا۔
अपनी असली हालत कि परफ़ पलटना

अपनी असली हालत कि परफ़ पलटना

यह बात बिल्कुल साफ़ है कि नफ़्स (मनोवेग) की हार और अक़्ल (बुद्धी) की 70 शक्तियों के मिलने के कारण इंसान को एक नया जीवन मिलेगा। फिर हर इंसान अपनी असली हालत की तरफ़ पलट आ एगा। अपनी असली हालत की तरफ़ पलटने का मतलब यह है कि इंसान को ऐसी शक्ति प्राप्त हो जाएँगी कि जिसको वह नफ़्स कि आज्ञा का पालन करते हुए प्राप्त नहीं कर सका था। मगर अब इस शक्तियों से लाभ उठाएगा।

अगर हम “ उसूले काफ़ी ” में से अक़ल व जेहल की बहस को यहाँ बयान करते तो यह बहस बहुत लम्बी हो जाती इसलिए हम उसको यहाँ बयान नहीं करेंगे अतः हम उसको यहीं पर छोड़ते हैं और आगे बढ़ते हैं।

जो रेवायत हम ने बयान की है जिसमें हमने अक़्ल व जेहल के 70 अर्थ और उसकी विशेषता को बयान किया है उसपर सोच-विचार बयान करने से हमको यह पता चलता है कि इंसानी समाज हवाओ हवस (मनोवेग इछाएँ) में डूबा हुआ है और अपने नफ़्स का ग़ुलाम है। बहुत कम लोगों के अलावा किसी का भी अक़ल से कोई सम्बंध नहीं है। इस रेवायत से यह पता चलता है कि कामिल अक़्ल (पूर्ण बुद्धी) का मालिक वह इंसान है जो कि अक़्ल की बात सुनता है दिल और नफ़्स की नहीं और उस ने नफ़्स को कुचल कर उसपर विजय प्राप्त की है।

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का ज़हूर इंसानों की अक़्ल को मोकम्मल करने और इंसानियत को प्रगति प्रदान करेगा। और अक़्ल के मोकम्मल होने से जेहल का ख़ातम (समाप्ति) हो जाएगा। और फ़िर जेहल का कोई नाम व निशान भी बाक़ी नहीं रहेगा। नफ़्स को पराजित करने के बाद इंसानों के अंदर एक आश्चर्यजनक परिवर्तन होगा कि जिससे इंसानों का जीवन बदल जाएगा और बुराईयों की जगह अच्छाईयाँ होंगी और सब के सब सफ़लता की ओर विचरित होंगे।

 

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