حضرت امام صادق علیہ السلام نے فرمایا : اگر میں ان(امام زمانہ علیہ السلام) کے زمانے کو درک کر لیتا تو اپنی حیات کے تمام ایّام ان کی خدمت میں بسر کرتا۔
बुद्धी पूर्णता2

बुद्धी पूर्णता

इंसान की उत्पत्ति बहूत आश्चर्यजनक और महत्वपूर्ण है। यानी अगर इंसान खुद अपने आप को पहचान ले तो बहूत से असम्भव कामों को भी कर सकता है। लेकिन अगर वह अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों को ना पहचान सके तो फिर उसने अपनी शक्तियों को बरबाद कर दिया।

हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अलैहेमस्सलाम ने बारहा इसांनो को इस सत्य के बारे में आगाह किया है और फ़रमाया कि तुम यह मत सोचना कि तुम एक छोटी सी कोई वस्तु हो बल्कि यह जान लो कि तुम्हारे अंदर रहस्य का एक संसार छुपा हुआ है।

मगर अफ़सोस की बात यह है कि समाज में कोई भी उस महान हस्ती को ना समझ सका और ना पहचान सका। और लोगों ने इस बारे में हज़रत अली अलैहिस्सलाम से कोई प्रश्न नहीं पूछा और जब मौला ने कहा कि मैं ज़मीन से ज़्यादा आसमान के रास्तों को जानता हूँ। मुझ से पूछो मैं तुमको उसका जवाब दूँगा, तो उसनी बड़ी भीड़ से एक आदमी ने सिर्फ़ यह प्रश्न किया कि मौला मेरे सर पर बाल कितने हैं ?

तारीख़ में यह बात नहीं लिखी है कि वहाँ कितने लोग थे, कि जो इस बेवक़ूफ़ी भरे प्रश्न पर उस को बुरा भला कहते।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने इंसानों के दिमाग़ की आश्चर्यजनक शक्तियों के बारे में आगाह किया है, और उन्हें ऐसी छिपी हुई शक्तियों के बारे में बताया कि जिसका प्रयोग करके इंसान प्रगति को पहुँच सकता है। मगर मौला के कुछ साथियों के अलावा कोई भी दिमाग़ की छिपी हुई शक्तियों को ना पहचान सका।

उस दिन से लेकर आज तक सदियाँ गुज़र गई, लेकिन अभी तक बहुत से लोगों को दिमाग़ की शक्तियों के बारे में जानकारी नही हो सकी और जिनको जानकारी हुई वह भी अभी तक दिमाग़ की बहुत सी शक्तियों को नही जान सके हैं ।

 

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