امام صادق فیق پوسی کسل بیونید پقری ناکهوےنمنرونه تهوک نارےنری ژهیوگنگ مه کهوی فیق پوے چوکی بیک پاٍ
कार्य विशेष (अमरे अज़ीम)

कार्य विशेष (अमरे अज़ीम)

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ दुनिया वालों के सामनें जो कुछ भी उजागर करेंगे रेवायात में उसे कभी कार्य विशेष (अमरे अज़ीम) और कभी अमरे जदीद (नया कार्य) कहा गया है।

अबू सईद ख़ोरासानी कहते हैं कि मैंने हज़रत इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलेहिस्सलाम से पूछा किः

المھدی والقائم واحد ؟

فقال:نعم۔

قلت:لائ شئ سمی المھدی ؟

قال :لأنّہ یھدی الیٰ کل أمر خفی، وسمی القائم لأنہ یقوم بعد ما یموت، انہ یقوم بأمر عظیم

क्या मेहदी (अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ) और क़ायम एक ही शख़स हैं ?

इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः जी हाँ।

मैंने पूछा उन्हें मेहदी क्यों कहा जाता है ?

इमाम ने फ़ारमायाः क्योंकि वह हर छिपे हुए अमर (कार्य) की तरफ़ लोगों की हेदायत करेंगे।

और उन्हें क़ायम के नाम से इसलिए याद किया जाता है, क्योंकि अपने नाम के मिट जाने के बाद वह प्रकट होंगे। और वह अमरे अज़ीम के साथ प्रकट होंगे।(6)

आप ने देखा कि इस रेवायत में भी बयान किया गया है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ एक अज़ीम अमर (कार्य विशेष) के लिए ज़हूर करेंगे।

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ जिस अमरे अज़ीम (कार्य विशेष) के लिए प्रकट होंगे वह इस क़दर महान है कि जिसके कारण इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ को ही क़ायम कहा जाता है।

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ जिस अमरे अज़ीम के लिए प्रकट होंगे क्या यह वही कार्य होगा कि जो रसूले ख़ुदा, हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम और दूसरे इमामों के माध्यम से लोगों के लिए बयान किया गया था और फिर ख़ेलाफ़त (यानी रसूल ख़ुदा, हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम के बाद हज़रत अली अलैहिस्सलाम को रसूले ख़ुदा का जानशीन होना चाहिए था मगर उनकी जगह ज़बरदस्ती दूसरे लोग रसूले ख़ुदा के जानशीन बन कर बैठ गए।)के छीन लिए जाने, बिदतों (बिदआत यानी हव चीज़ें जो इस्लाम धर्म में नहीं है उसको इस्लाम में दाख़िल कर देना) के आने, और समय के साथ-साथ इस्लाम को भूल जाना, या इनके अलावा कोई और चीज़ है जिसको अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम ने बयान नहीं फ़रमाया और अब उसे इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ सब लोगों के लिए उजागर केरेंगे ?

इस प्रश्न के उत्तर में पहले इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम से बयान हुई रेवायत पर ध्यान देः

इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः

اذا قام القائم علیہ السلام جاء بأمر جدید کما دعی رسول اللہ صلی اللہ علیہ و آلہ سلم فی بدو الاسلام الیٰ أمر جدید

जब क़ायम (यानी इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ) प्रकट होंगे तो वह दुनिया वालों के सामने वही अमरे अज़ीम लाएँगे कि जो रसूल ख़ुदा, हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम ने इस्लाम का सदेंश पहली बार सुनाया था और लोगों को इस्लाम की तरफ़ दावत दी थी ।(7)

इस रेवायत में इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम ने इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के बारे में फ़रमाया कि वह ऐसी चीज़ लाएँगे कि जो रसूल ख़ुदा, हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम इस्लाम के साथ लाए थे। अगरचे इस रेवायत में साफ़ साफ़ यह बयान नहीं हुआ है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ कोई नया अमरे अज़ीम लेकर आएँगे लेकिन इस रेवायत से यही बात समझ में आती है।

संभव है कि कुछ लोग इमाम-ए-जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम से बयान होने वाली रेवायत पर ध्यान ना दें और यह कहें किः

चूंकि इस्लाम के बहुत से अहकामात लोगों तक नहीं पहुँचे पस उन्हें बयान करना उनके लिए एक नया कार्य होगा अतः उसे एक अमरे जदीद के नाम से याद किया गया है।

इसके उत्तर में हम कहेंगे किः अगर हम इस रेवायत के अर्थ को, कि जो उसमें बयान किया गया है उसको ना समझें और उस अर्थ को छोड़ कर कोई और अर्थ समझें तो एक और बात भी उससे समझ  में आती है और वह यह है कि क्या रसूले ख़ुदा ने नहीं फ़रमाया थाः

انّا معاشرألانبیاء نکلّم النّاس علی قدر عقولھم

हम पैग़मर (दूत), लोगों से उनकी अक़्ल (बुद्धी) के अनुसार ही बात करते हैं।(8)

चूँकि ज़हूर के ज़माने में लोगों की अक़्ल मोकम्मल हो जाएगी इसलिए इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ लोगों के लिए अमरे जदीद बयान करेंगे, कि जिसको इंसानी समाज पहले नहीं जानता होगा। मगर यह याद रहे कि हर अमरे जदीद और इस्लाम का नया हुक्म इस्लाम के जीवन दाता उसूल में से होगा ना यह कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ कोई नया दीन लेकर आएँगे।


(6) बेहारुल अनवारः 51/30

(7) बेहारुल अनवारः 52/338

(8) बेहारुल अनवारः 2/242

 

    دورو ڪريو : 2218
    دیرینگنی هلته چس کن : 189102
    گوندے هلته چس کن : 301136
    هلته چس گنگ مه : 148096654
    هلته چس گنگ مه : 101406749