ઈમામ સાદિક઼ (અ.સ.) એ ફરમાવ્યુઃ અગર હું એમના જમાનામાં હોઉં તો મારી જીન્દગીનીના તમામ દિવષો એમની સેવા કરીશ.
लक्षण और निशानियाँ

लक्षण और निशानियाँ

ख़ानदाने इस्मत व तहारत के प्रवचनों में ज़हूर के बा बरकत ज़माने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण नोकात मोजूद हैं कि जिसको कुछ लोग बरदाशत करने की क्षमता नहीं रखते जिस तरह कि कुछ दूसरे मसलों के बारे में लोगों को बरदाशत की क्षमता नही है इसी कारण अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम ने अपने ख़ास साथियों को अपने रहस्य से आगाह किया जिस तरह उन्होंने ना अहलों से ऐसी बातों को छिपा कर रखा।

उन्होंने रहस्योँ के अलावा भी कुछ बातें इरशाद फ़रमायी कि जिनको उन लोगों ने दुनियावी होने के कारण स्वीकार किया अतः ख़ुदा ने लोगों को समझाने के लिए कुछ ऐसे वाक़ेआत बयान किये जिस के माध्यम से अहलेबैत अलैहुमस्सलाम के फ़रमान लोगों के मास्तिष्क में पैवसत हो जाए।

ग़ैबत के ज़माने में ज़िन्दगी गुज़ारने वाले कि जिन्होंने ज़हूर के ज़माने की प्रकाशमयी को देखा ही नहीं वह किस तरह ऐसे शुभ समय के बारे में सोच सकते हैं ?

ग़ैबत के कठिन ज़माने में ज़िन्दगी गुज़ारने वाले कि जिन्होंने नेजात के ज़माने की आज़ादी को देखा ही नहीं वह किस तरह ज़हूर के ज़माने की उन्नति और प्रगति का किस तरह विश्वास कर सकते हैं ?

ख़ुद को धरती का मालिक समझने वाले किस तरह अपने माल व दौलत को बरबाद होने के बारे में सोच सकते हैं ?

जो लोग आँखों से देखे बिना किसी चीज़ को स्वीकार नहीं करते उनपर ईश्वर किस तरह अपनी हुज्जत तमाम करेगा ?

 

 

 

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