ઈમામ સાદિક઼ (અ.સ.) એ ફરમાવ્યુઃ અગર હું એમના જમાનામાં હોઉં તો મારી જીન્દગીનીના તમામ દિવષો એમની સેવા કરીશ.
ज़हूर के ज़माने में आश्चर्यजनक परिवर्तन

ज़हूर के ज़माने में आश्चर्यजनक परिवर्तन

ख़ुदा ही जानता है कि इल्म की प्रगति और अक़ल के मोकम्मल होने से संसार में कैसा परिवर्तन होगा ! संसार मे कैसे-कैसे रहस्य उजागर होंगे ?

ग़ैबत के ज़माने में एक छोटा सा अविष्कार भी लोगों की सोच-विचार में कैसा परिवर्तन करता है। मिसाल के तौर पर दूरबीन और माइक्रोस्कोप के अविष्कार ने लोगों पर कैसा असर किया है ? उसके माध्यम से धरती और आकाश के तारों के बारे में वैज्ञानिकों ने परीक्षण किया।

उससे इंसानों के इल्म में बहुत बढ़ोत्तरी हुई ।

इस तरह ज़हूर के प्रकाशमय ज़मानें में इल्म और अक़ल के पूर्ण होने से संसार में जो परिवर्तन होंगे उससे इंसानों के इल्म में बहुत बढ़ोत्तरी होगी। मगर आज ग़ैबत के दौर में हम इस बात को सोच भी नहीं सकते हैं और ना ही उस का अंदाज़ा कर सकते हैं ।

आज तक वैज्ञानिक इस संसार के सारे रहस्य की खोज नहीं कर पाए हैं।

क्या आप जानते हैं कि इस रहस्य के फ़ाश होने से संसार में केसा परिवर्तन होगा ?

 

 

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