एक प्रश्न और उसका उत्तर
ज़हूर के प्राकाशमय ज़माने में इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के शेफ़ा बख़्श हाथों से इंसान की बुद्धी में उन्नती होगी जिनके बारे में खानदाने अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम ने अपनी रेवायात में खुलकर बयान किया है और इस निबंध में भी इस बात को बयान किया गया है।
अब प्रश्न यह पैदा होता है कि पशुओं (जानवरों) में होने वाले परिवर्तन और उसके शऊर में होने वाली उन्नति की परीस्थिति क्या होगी ?
यह सही है कि इंसान इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के शेफ़ा बख्श हाथों से इंसान की बुद्धी में उन्नति होगी परंतु पशुओं में कैसे परिवर्तन होगा ?
हम इस प्रश्न के उत्तर में कहेंगे कि शैतान से प्रभावित दिमाग़ इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ हाथों से शेफ़ा पाएँगे और उनकी अक़लों पर पड़े हुए ताले खुल जाएँगे जिससे छुपी हुई शक्ति उजागर हो जाएगी और उनसे लाभ उठाया जाएगा।
लेकिन इस सत्य को भी ध्यान में रखना चाहिए कि ज़हूर के ज़माने में इंसानों में प्रगती व उन्नति उस महान हस्ती तक पहुँचने के अनेक कारण हैं कि जिनकी सहायता से इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ तक पहुँच पाएँगे और उनमें से एक इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का शेफ़ा बख़्श हाथ है।
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