الإمام الصادق علیه السلام : لو أدرکته لخدمته أیّام حیاتی.
आज के अविष्कार पर एक नज़र

आज के अविष्कार पर एक नज़र

हमने ज़हूर के ज़माने में होने वाले आश्चर्यजनक परिवर्तन को, अक़ल के मोकम्मल होने वाले भाग में बयान किया है जिनसे यह पता चलता है कि आज की बहुत सी चीज़ें और टेक्नोलॉजी उस ज़माने में बेकार हो जाएँगी। अगरचे आज इंसान उनसे लाभ उठा रहा है और यह सब अक़ल और इल्म के मोकम्मल होने के कारण होगा। बिल्कुल इसी तरह जैसे आज तेज़ रफ़्तार गाड़ियों के आने के कारण इंसान ने ताँगे और बग्घी को छोड़ दिया है उसी तरह आज के ज़माने की बहुत सी चीज़ें उस ज़माने में बेकार हो जाएँगी।

इस बात में कोई शक नहीं कि जब एक तरक़्क़ी याफ़्ता चीज़ हो तो भला कोई पुरानी चीज़ों से क्यों फ़ायदा उठायेगा।

अगर किसी को हज़ारों कि0 मि0 कि यात्रा करना हो तो क्या आज इस ज़माने में कोई तांगा या बघ्घी का प्रयोग करेगा ? नहीं, हरगिज़ नहीं। कोई भी अक़लमंद इंसान ऐसा नहीं करेगा।

इस बात को बयान करने के लिए हम एक मिसाल बयान करेंगे।

अगर आज के ज़माने में सूर्य की किरणों से अगर गाड़ी चले तो क्या कोई इतना महँगा पेट्रोल इस्तेमाल करेगा ? और वातावरण को गन्दा करेगा ?

जैसा कि हम ने पहले भी बयान किया कि ज़हूर के ज़माने में ना केवल यह कि इंसान उस ज़माने की तरक़्क़ी याफ़्ता चीज़ों से लाभ उठाएगा बल्कि आध्यात्मिक भाग में भी उन्नति होगी और इंसान आलमे मलकूत ( वह दुनिया जहाँ फ़रिशते रहते हैं।) को भी देख सकेगा।

यह बात साफ़ है कि सूरज, प्रकाश और रोशनी का भंडार है, और इतनी इल्मी उन्नति और प्रगति होने के बावजूद आज तक इंसान उससे मोकम्मल लाभ नहीं उठा सका है, जिस तरह इंसान पानी को जमा करके उसको बर्बाद होने से बचाता है उसी तरह सूरज से एनर्जी लेकर उसको जमा करके बहुत से कामों के लिए उसका प्रयोग करता है।

सूरज की तरह चाँद में भी बहुत सी शक्तियाँ पायी जाती हैं और उसका नूर ज़मीन की बहुत सी चीज़ों के लिए लाभदायक होता है।

चाँद और सूरज की बात तो अपनी जगह, यहाँ तक कि सितारों के प्रकाश में भी शक्ति होती है और अब तक दुनिया के वैज्ञानिको ने भी इस रहस्य पर से पर्दा नहीं उठा सके हैं। और वह उन्हें जमा करके उसके प्रकाश से लाभ उठाने से आजिज़ हैं।

ख़ुदा वन्दे आलम ने ज़मीन वालों के लिए सूरज और कुछ तारों के निकलने और डूबने में ऐसा सिस्टम बनाया है कि वह वैज्ञानिको के लिए आश्चर्यजनक है और वह उनकी सोच-समझ से भी बाहर है।

हमारी बात कहाँ से कहाँ पहुँच गई, हम ज़मीन की बात करते करते चाँद और सूरज पर पहुँच गए और वहाँ से कहकशाओं की यात्रा पर निकल गए । अब हम अपनी धरती की तरफ़ वापस आते हैं क्योंकि उसके बहुत से रहस्य अभी तक खुल कर सामने नहीं आ सके हैं और जिनको हम समझ भी नहीं सकते हैं।

जिस दिन इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का सांसारिक राज्य होगा, और जब चाँद और सूरज का मालिक ज़हूर करके उनपर हुकूमत करेगा तो वह अपने इल्म से हर चीज़ के रहस्य से पर्दा उठा देंगे। और समाज से हर तरह की जेहालत को खत्म कर देंगे और फिर इंसान के सामने दुनिया का हर रहस्य खुल जाएगा।

जी हाँ ! जैसा कि उन्होंने वचन दिया है कि उस दिन हर चीज़ का इल्म होगा, जेहालत ख़त्म हो जाएगी, और कोई रहस्य छिपा हुआ नहीं होगा। (यह हज़रत अली अलैहिस्सलाम की इस हदीस की तरफ़ इशारा है कि आप ने फ़रमायाः ما من علم الا و أنا افتحہ والقائم یختمہ  )

हमारा दिल तो उस दिन के बारे में सोच कर ही ख़ुश है कि जिस दिन इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ ज़हूर करेंगे और हर तरह के रहस्य से पर्दा उठाएँगे। और उस बा बरकत ज़माने के बारे में हम ख़ुदा से दुआ करते हैं कि वह टूटे हुए और ज़ख्मी दिलों की दवा भेज दे।       (आमीन)

 

 

 

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