امام صادق فیق پوسی کسل بیونید پقری ناکهوےنمنرونه تهوک نارےنری ژهیوگنگ مه کهوی فیق پوے چوکی بیک پاٍ
पहचान के रास्ते

पहचान के रास्ते

इमाम-ए-ज़माना अलैहिस्सलाम की ज़ियारत जो कि सरदाब नामी गुफ़ा में पढ़ी जाती है इस तरह पढ़ते हैं :

.........الاعمال موقوفۃ علیٰ ولایتک،والاقوال معتبرۃ بامامتک،من جاء بولایتک واعترف بامامتک قبلت اعمالہ،وصدقت اقوالہ،تضاعف لہ الحسنات،و تمحی عنہ السیئات،ومن زل عن معرفتک،واستبدل بک غیرک،اکبہ اللہ علیٰ منخریۃ فی النار۔

लोगो के पुण्य काम (अच्छे काम) जिन को ईश्वर स्वीकार करेगा वह आप की मोहब्बत और दोस्ती पर निर्भर है और जो कोई भी आप से मोहब्बत करता है और आप की वेलायत (दोस्ती) को स्वीकार करता है उस तमाम अच्छे काम ईश्वर स्वीकार कर लेगा और उस की हर बात मान लेगा और उस के हर गुनाह को माफ कर देगा लेकिन जो कोई भी आप को पहचान नही पाया और आप से मुंह फेरा या आप की जगह किसी और को अपना इमाम स्वीकार किया तो ईश्वर उस को नर्क में ड़ाल देगा ।

 

हवाला :

एजाज़े मीज़ाने आलम 94

सहीफए मेहदिया पेज न0 627

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