ઈમામ સાદિક઼ (અ.સ.) એ ફરમાવ્યુઃ અગર હું એમના જમાનામાં હોઉં તો મારી જીન્દગીનીના તમામ દિવષો એમની સેવા કરીશ.
mazhar atame gib

 

 

ग़ैब के कामों में से एक महत्वपूर्ण काम इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फ़रजहुश्शरीफ का इस दुनिया में जीवित होना है। कुछ मोमिन इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फ़रजहुश्शरीफ को अपनी दिल की आँखों से देखेंगे।

क़ुर्आन-ए-मजीद की इस आयत मेंالذین یومنون بالغیب(12) में इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फ़रजहुश्शरीफ  को ग़ैब कहा गया है ।

जैसा कि अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम से इस विषय में (यानी इमाम-ए-ज़माना अज्जलल्लाहु फ़रजहुश्शरीफ़ को इस आयत में ग़ैब कहा गया है ) वारिद हुआ है ।

स्वर्गीय सय्यद बहरुल उलूम रहमतुल्लाह अलैह के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण वाक़ेआत

स्वर्गीय सय्यद बहरुल उलूम रहमतुल्लाह अलैह ऐसे लोगों में से थे जिनके दिल की आँखें खुल चुकी थीं और वह ऐसे दृश्य देख सकते थे जिनको कोई दूसरा नहीं देख सकता था और इस बात को स्पष्ट करने के लिए हम स्वर्गीय सय्यद बहरुल उलूम रहमतुल्लाह अलैह की ज़िन्दगी के कुछ वाक़ेआल बयान करेंगें।['

 


(12) सूरए बक़रा, आयत न0. 3

 

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