الإمام الصادق علیه السلام : لو أدرکته لخدمته أیّام حیاتی.
ज़हूर के ज़ामाने में अविष्कार

ज़हूर के ज़ामाने में अविष्कार

हमने बयान किया कि ज़हूर के ज़माने की विशेषता में से एक, हर चीज़ का जल्दी इल्म हसिल करना है और इस बा बरकत ज़माने में लोग बहुत आसानी से हर तरह का इल्म हसिल कर लेंगे।

इस जमाने में इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की सहायता से लोग जल्द ही हर इल्म के मालिक हो जाएँगे। और यह सब इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की ही बरकत से सम्भव है।

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के न्यायिक राज्य में लोगों के पास इल्म और अक़ल (बुद्धी) की दौलत होगी। अक़ली तकामुल (बुद्धी पूर्णता के विषय में हमने यह बात विस्तार से बयान की है।)

जहूर के बा बरकत ज़माने में नफ़्स (मनोवेग) अक़ल की आज्ञा का पालन करेगा। और अक़ल, नफ़स (मनोवेग) पर राज करेगी, और यह सब अक़ल के मोकम्मल होने की निशानी है।

और यह बात भी बिल्कुल साफ़ है कि जब समाज में अच्छी सोच-विचार वाले लोग होंगे तो समाज अपने आप सुधरता जाएगा और उस की उन्नती में चार चाँद लग जाएँगे। और इस संसार में आश्चर्यजनक परिवर्तन होंगे।

ग़ैबत के ज़माने में बहुत से लोग नए-नए अविष्कार करना चाहते हैं मगर सब के सब सफ़ल नहीं होते बल्कि कुछ ही लोग अपने लक्ष्य में सफ़ल हो पाते हैं। लेकिन ज़हूर और बुद्धीपूर्णता के ज़माने में  हर इंसान इल्म की प्रथम श्रेणी में होगा। ज़हूर के ज़माने में लोगों का लक्ष्य पूरा होगा और वह जिस चीज़ के लिए भी प्रयास करेंगे जल्द ही वहाँ तक पहुँच जाएँगे।

 

 

    زيارة : 2739
    اليوم : 5424
    الامس : 243717
    مجموع الکل للزائرین : 161949971
    مجموع الکل للزائرین : 119866966