امام صادق عليه السلام : جيڪڏهن مان هن کي ڏسان ته (امام مهدي عليه السلام) ان جي پوري زندگي خدمت ڪيان هان.
धरती और आकाश पर राज्य

धरती और आकाश पर राज्य

इस बहेस में इमाम का इल्म एक महत्वपूर्ण बहेस है। बहुत सी रेवायात में इमामों के इल्म का मसअला एतेक़ादी है।

हम इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ की जियारत में पढ़ते हैं :

قد آتاکم اللہ یا آل یاسین خلافتہ، و علم مجاری امرہ فیما قضاہ و دبرہ و رتبہ و أرادہ فی ملکوتہ

ऐ आले यासीन (यासीन के अंश) ! ईश्वर ने आपको अपना प्रतिनिधी बनाया है और वह हर काम अपने संकल्प से करता है और उसने अपने इरादे (संकल्प) से आपको इल्म (ज्ञान) दिया है।(16)

इस बात के बाद इस चीज़ पर भी ध्यान दें कि ज़हूर के ज़माने और इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के राज्य में इल्म व हिकमत के दरवाज़े ख़ुल जाएँगे और उस प्रकाशमय समय में इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ अपने इल्म के बूते पर पूरे संसार में न्यायिक राज्य क़ायम करेंगे और इस तरह उनका राज्य धरती और आकाश और हर जगह होगा।

ज़हूर के ज़माने के बारे में बयान होने वाली रेवायात में बहुत सी ऐसी रेवायात हैं जिनसे यह पता चलता है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का राज्य सिर्फ़ धरती पर ही नहीं बल्कि आकाश और हर जगह होगा औऱ इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ हर जगह को गुनाहों से पवित्र कर देंगे। इस बात से यह भी साफ़ हो जाता है कि इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का ज़हूर सिर्फ़ और सिर्फ़ धरती वालों या इसी दुनिया वालों के लिए नहीं बल्कि आकाश और हर जगह वालों के लिए है चाहे कोई ग्रह पर ही जीवन क्यों ना बिता रहा हो।


(16) सहीफ़ए मेहदीयाः 571

 

    دورو ڪريو : 5188
    اج جا مهمان : 5543
    ڪالھ جا مهمان : 293667
    ڪل مهمان : 146122888
    ڪل مهمان : 100419156