امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
अंतरिक्ष में अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम की यात्रा

अंतरिक्ष में अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम की यात्रा

जब लोग बलतमीयूस की बातों पर विश्वास करते थे कि आसमानों में यात्रा करना आसम्भव है, उस समय अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम ने बारहा अंतरिक्ष में यात्रा की है। हज़रत अली अलैहिस्सलाम, हज़रत इमाम-ए-मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम, और दूसरे इमामों के अंतरिक्ष में यात्रा की घटनाएँ रेवायात में बयान हुई हैं। रसूले ख़ुदा हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम की मेराज भी अंतरिक्ष में एक यात्रा ही थी। और रसूले ख़ुदा हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम की मेराज पर हम सब का अक़ीदा है। और उस समय लोगों को भी इस घटना का पता चला कि जब दुनिया पर बलतमीयूस की बातें छायी हुई थीं कि अंतरिक्ष में यात्रा करना असम्भव है। उस ज़माने में मौजूदा जेहालत पर ग़ौर करें तो मालूम होगा कि उस ज़माने में ऐसे बहुत से रहस्य को छिपा कर रखा गया। और अगर अहलेबैत अलैहेमुस्समाल के लिए उनके ज़माने में ऐसी बातों को बताना सम्भव होता तो आज हमारे पास अंतरिक्ष के बारे में और भी बातें होतीं।

मान लें कि अगर किसी को अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम की अंतरिक्ष में यात्रा वाली बात में शक हो तो फिर उसको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि ख़ुदा की मशियात हमेशा से यह रही है कि वह अपना जो भी पैग़मबर, नबी, या इमाम भेजे उसको उस ज़माने में तमाम लोगों से अफ़ज़ल और हर लेहाज़ से शक्तिशाली बनाए, चाहे इल्म का मैदान हो, या जंग का। इस बात का मतलब यह है कि जिस ज़माने नें नबी, इमाम या पैग़मबर हो उस ज़माने की तरक़्क़ी के हिसाब से सबसे ज़्यादा जानने वाला हो। अगर ख़ुदा ने अपने आख़री रसूल हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम को तलवार और क़ुर्आन के साथ भेजा तो, अपने आख़री इमाम, इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ को भी दलील और क़ुर्आन के साथ ही भेजेगा। और ऐसी शक्ति देकर भेजेगा कि जो उस ज़माने में सबसे शक्तिशाली होगा। अब इस रेवायत पर ग़ौर करें। 

قال المتوکل لابن السکیت : سل ابن الرضا مسالۃ عوصاء بحضرتی، فسالہ فقال : لم بعث اللہ موسیٰ بالعصا و بعث عیسیٰ با براء الاکمہ والابرص و احیاء الموتیٰ ، و بعث محمدا بالقرآن و السیف ؟

فقال ابو الحسن علیہ السلام : بعث اللہ موسیٰ علیہ السلام بالعصا و الید البیضاء فی زمان الغالب علی اھلہ السحر، فاتاھم من ذلک ما قھر بسحرھم و بھرھم ، واتیت الحجۃ علیھم۔

و بعث عیسیٰ علیہ السلام بابراءالاکمہ و الابرص و احیاء الموتیٰ باذن اللہ تعالیٰ فی زمان الغالب علی اھلہ الطب ، فاتاھم من ابراء الاکمہ والابرص و احیاء الموتیٰ باذن اللہ فقھرھم و بھرھم ۔

وبعث محمداً صلی اللہ علیہ و آلہ وسلم بالقرآن والسیف فی زمان الغالب علی اھلہ السیف والشعر ،  فاتاھم من القرآن الزاھر والسیف القاھر ما بھر بہ شعرھم و بھر سیفھم.......

(14)

 

मोतावक्किल ने इब्ने सिक्कीत (यह व्यक्ति अपने ज़माने में बहुत पढ़ा लिखा था।) से कहा कि मेरे सामने हज़रत इमाम-ए-हादी अलैहिस्सलाम से एक मुश्किल मसअला पूछो।

इब्ने सिक्कीत ने इमाम-ए-रज़ा अलैहिस्सलाम से कहाः

ख़ुदा ने क्यों जनाबे मूसा अलैहिस्सलाम को असा, हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को अंधों को आँख की रोशनी देने, और सफ़ेद दाग़ के मरीज़ो को अच्छा करने, और मुर्दों को ज़िन्दा करने, और हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम को क़ुर्आन के साथ रसूल बना कर भेजा ?

इमाम-ए-हादी अलैहिस्सलाम ने जवाब में फ़रमायाः

ख़ुदा ने जनाबे मूसा अलैहिस्सलाम को असा और यदे बैज़ा (जनाबे मूसा के हाथ पर एक सफ़ेद अंडा बना हुआ था जिसको यदे बैज़ा कहते थे।) के साथ भेजा कि जिससे नूर निकलता था। और क्योंकि उस ज़माने के लोग जादू में माहिर थे इस लिए जनाबे मूसा अलैहिस्सलाम को ख़ुदा ने जादू की शक्ति दी ताकि उस ज़माने के लोगों को उसका जवाब दे सकें और उनके जादू को ख़त्म कर सकें और उन पर विजयी हों।

जनाबे ईसा अलैहिस्सलाम को अंधों को आँखों की रौशनी देने की, सफ़ेद दाग़ के मरीज़ो को अच्छा करने की और मुर्दों को ख़ुदा की आज्ञा से ज़िन्दा करने की शक्ति इस लिए दी क्योंकि उस ज़माने के लोग डाक्टरी में बहुत माहिर थे। इस लिए ख़ुदा ने उनको यह शक्तियाँ दी ताकि वह अपने ज़माने को लोगों से ज़्यादा शक्तिशाली हों और उनको प्राजित कर सकें।

हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम को ख़ुदा ने क़ुर्आन और तलवार के साथ रसूल बना कर भेजा इस लिए कि वह ज़माने के लोग लतवार और शेर (काव्य) में माहिर थे इस लिए उनको क़ुर्आन और तलवार की शक्ति दी ताकि वह अपने ज़माने के लोगों पर विजय प्राप्त कर सकें। और उनसे शक्तिशाली हों।

इस रेवायत पर ध्यान देने से यह पता चलता है कि अगर इस ज़माने में चाँद पर पहुँचने और अंतरिक्ष में यात्रा करने का प्रयास किया जा रहा है तो इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ को भी ख़ुदा ऐसी शक्तियों के साथ भेजेगा कि जिसके सामने इस ज़माने की सारी शक्तियाँ कमज़ोर पड़ जाएँगी।

 


(14) बेहारूल अनवारः 50/165. नज़ीर दर ऑनः 17/210.

 

 

 

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