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आलमे मलकूत (वह दुनिया जहाँ फ़रिश्ते रहते हैं) की विशेष्ता

आलमे मलकूत (वह दुनिया जहाँ फ़रिश्ते रहते हैं) की विशेष्ता

जैसा कि हमने बयान किया कि ज़हूर के ज़माने में सबके दिल पवित्र हो जाएँगे। उस समय हर मर्द और औरत सब नेक और सालेह (विनम्र) होंगे। क्योंकि जब नेक लोगों का राज्य होगा तो वह दूसरों को भी नेक बना देंगे। इस बारे में ईश्वर क़ुर्आन में फ़रमाता हैः

انّ الأرض یرثھا عبادی الصالحون

मैं अपने बंदो को ज़मीन का वारिस बनाऊँगा।(17)

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के राज्य की एक विशेष्ता यह है कि आप सारे इंसानो की हेदायत करेंगे। दुनिया के सारे लोग अपने अंदर परिवर्तन होने के कारण गुमराही से दूर हो जाएँगे और नेक और सालेह लोगों के समाज में होने के कारण हर जगह नेकी और हेदायत होगी। उस दिन इंसानों के लिए मलकूत (वह दुनिया जहाँ फ़रिश्ते रहते हैं) की दुनिया के दरवाज़े खुल जाएँगे और इंसान उस दुनिया को अपनी आँखों से देख सकेगा और यह नेक और सालेह (पुण्य) कार्यों का निष्कर्ष होगा। नेक लोगों के अंदर परिवर्तन होगा।

हज़रत इदरीस अलैहिस्सलाम के सहीफ़-ए-नेजात में आया है किः

و بالعمل الصالح ینال ملکوت السماء

नेक कार्यों के कारण इंसान मलकूत की दुनिया तक पहुँच सकता है।(18)

अब तक दुनिया जहाँ तक पहुँच सकी है वह संसार का बहुत छोटा सा भाग है। दुनिया अब तक सिर्फ़ उसके भौतिकी पक्ष तक पहुँच सकी है ना कि उसके मलकूती पक्ष तक ।

ज़हूर के ज़माने में नेक आमाल करने से बुरे आमाल अपने आप ही ख़त्म हो जाएँगे। जिसके करण इंसान मलकूत की दुनिया तक पहुँच जाएगा। अतः उस बा बरकत ज़माने में समाज मलकूत कि दुनिया तक पहुँच जाएगा, जो कि बहुत ही विशेष्ता का मालिक है। हम आशा करते हैं कि ख़ुदा जल्द से जल्द वह दिन हस तक पहुंचा दे जब इंसानी समाज प्रगति की चरम सीमा पर हो।

इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ के ज़माने में संसार के सारे रहस्य इंसान के सामने आ जएँगे और इंसान उन चीज़ों को देखेगा जो उसने पहले कभी नहीं देखा था क्योंकि उस समय सब नेक और सब का दिल पवित्र होगा इसलिए वह संसार के रहस्य देख पाएँगे।

हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम फ़रमाते हैं:

غضّوا أبصارکم ترون العجایب

अपनी आँखों को (हराम और दुनिया की मोहब्बत से बंद कर लो) तो तुम संसार के रहस्य को देख सकोगे।(19)

क्योंकि दुनिया की ज़्यादातर चीज़ें छिपी हुई हैं और जिनको यह इंसान इस समय नहीं देख सकता मगर जब इमाम--ज़माना अज्जलल्लाहु फरजहुश्शरीफ का ज़हूर होगा तो सब चीज़ें खुल कर सामने आ जाएँगी। अपनी आँखों को हराम और हर उस चीज़ से बचाओ जो दुनिया से दिल लगी का करण होती है। अगर कोई इंसान दुनिया से दिल ना लगाए तो उसका दिल गुनाहों से पवित्र हो जाएगा और फिर वह संसार के रहस्य को अपनी आँखों से देख सकेगा।

इस बारे में रसूले खुदा हज़रत मोहम्मद मुसतफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम फ़रमाते हैं:

لولا ان شیاطین یحومون علی قلوب بنی آدم لنظروا الیٰ الملکوت

अगर इंसान के दिल में शैतान जगह ना बनाए तो वह आलमे मलकूत को अपनी आँखों से देख सकता है।(20)

इस आधार पर जिस दिन इबलीस और शैतान मिट जाएँगे और गमुराह करने वाली चीज़ें ख़त्म हो जाएँगी तो फिर इंसान का दिल नूर से भर जाएगा और वह नूरानी दिल के साथ आलमे मलकूत को देख सकेगा।


(17) सूरए अम्बीया, आयत न0. 105

(18) बेहारुल अनवारः 95/465

(19) मिसबाहुश्शरीयाः 9

(20) बेहारुल अनवारः 70/59

 

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