امام صادق علیه السلام : اگر من زمان او (حضرت مهدی علیه السلام ) را درک کنم ، در تمام زندگی و حیاتم به او خدمت می کنم.
आईंस्टीन का एक वाक़ेआ

आईंस्टीन का एक वाक़ेआ

कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के फिज़िक्स के दो प्रोफ़ेसरों ने रोज़ विल्ट को पत्र लिखा जिसक ख़ोलासा यह थाः

एक ऐसी चीज़ भी है जिसका नाम एटमी शक्ति है। जर्मन के वैज्ञानिक भी इस पर काम कर रहें है। यह एक शक्तिशाली हथियार है। राष्ट्रपति साहब को इस बारे में सोचना चाहिए, कि क्या किया जाए ?

फ़िजिक्स के दोनो प्रोफ़ेसरों को मालूम था कि देश का राष्ट्रपति इस शक्ति के बारे में कुछ नहीं जानता है लेकिन वहाँ कोई ऐसा भी था कि जो इस शक्तिशाली चीज़ के बारे में सब कुछ जानता था। और राष्टपति भी उसकी बात मानता था। रोज़ विल्ट पहले उसकी खोज में गया। आईंस्टीन के लिए यह बड़े दुख की बात थी क्योंकि वह पूरे जीवन में सुलह व अमन का पुजारी था उसके बावजूद उसको इस एटमी हथियार के स्वीकार पत्र पर दस्तख़त करना पड़ा और वह अपने इस काम से पूरी ज़िंदगी शर्मिन्दा रहा।(32)

उसकी शर्मिन्दगी से यह बात साफ़ हो जाती है कि अगरचे वह दुनिया का एक बेहतरीन और प्रसिद्ध प्रोफ़ेसर था लेकिन वह अपने मुल्क से की गई ख़यानत पर बहुत शर्मिंदा था।

 


(32) माहनामए इत्तेलाआते इल्मी, दी महीना 1383. न0.3

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